Meer Taki Meer

sajid malik
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जिंदगी भर रहेगी तेरी याद मेरे दिल में, मैं हूँ मीर, मौत आए तो भी रहेगी बाद में। दिल की हर बात समझता है मेरे दोस्त, मैं हूँ मीर, ख़ामोशी की भाषा पढ़ लेता हूँ। इश्क़ जब बयाँ करता है मीर की जुबान, दिल की गहराइयों को भी समझ आ जाता हूँ। रोशनी चाहिए तो मेरे प्यार को देख, मैं हूँ मीर, चिराग़ जलने से पहले जल जाता हूँ। ज़िंदगी के सफ़र में हमेशा मेरे साथ हो, मैं हूँ मीर, तेरी ख़ुशियों का हमेशा इंतज़ार करता हूँ। जब तक है साँसें, तेरे नाम लिखता रहूँगा, मैं हूँ मीर, तेरे दर्द को धर्म बना लेता हूँ। तेरी आँखों की चमक में खो जाता हूँ, मैं हूँ मीर, तेरी मुस्कान की रौशनी में रोशनी पाता हूँ। जब भी याद आती है तेरी मुस्कान की, मैं हूँ मीर, बहार खिल उठती है दिल की गलियों '

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