Gulzar 2 line hindi urdu shayari

sajid malik
0

इन्कार की हद से आगे नहीं जा सकते,
 मोहब्बत में फिर आपका स्वागत नहीं कर सकते।

 ख्वाब की लकीरें भी खरीदने पड़ती हैं 
अब, वक्त के बाज़ार में आँखों की कीमत नहीं होती।

 खुशनुमा रूप में हर रोज़ आप आते हो, 
मेरी आँखों की आदत बदलने आप आते हो। 

 दिल बहुत आसानी से टूट जाता है,
 इसलिए इंसान सोच-विचार से डरता है।

 आज कल शहरों में इंसानों का गाना है
 बच्चों की ख़ैर नहीं, और बच्चों की ज़ुबान है।

 मुसाफ़िर की आँखें बताती हैं रास्ता, 
फिर भी कुछ रास्ते अजनबी होते ही रहते हैं।

 किसी के बाल तुम कटवा लो तो चोंट लगती है, 
और किसी के दिल में छेड़ा लो तो चोंट लगती है।

 ख़त पे लिखी बातें हो तो अच्छी लगती हैं,
 उम्र भर की यादें हो तो अच्छी लगती हैं।

 ग़र मैं अधूरा हूँ तो तुम्हारी कहानी भी, 
अधूरी रह जाती है, यादें बचाते बचात

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

Thank you..

एक टिप्पणी भेजें (0)